उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के खिलाफ दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में सोमवार शाम को प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने “हिंदू आतंकवाद मुर्दाबाद”, “राम मंदिर नहीं बनने देंगे” और “बाबरी मस्जिद वापस लाएंगे” जैसे नारे लगाए।
प्रदर्शन का नेतृत्व ‘फ्रैटरनिटी मूवमेंट’ नामक एक समूह द्वारा किया जा रहा था। समूह के अध्यक्ष लुबाबिब बशीर ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह एक सांप्रदायिक घटना है और यह देश में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाएगा।
प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल 10 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
प्रदर्शन के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया के परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
प्रदर्शन के कारणों पर अलग-अलग राय
प्रदर्शन के कारणों पर अलग-अलग राय है। कुछ लोगों का मानना है कि प्रदर्शन प्राण प्रतिष्ठा समारोह के विरोध में था, जबकि कुछ का मानना है कि यह प्रदर्शन सरकार के विरोध में था।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के विरोध में प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि राम मंदिर का निर्माण एक सांप्रदायिक घटना है। उनका कहना है कि इससे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा।
सरकार के विरोध में प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि सरकार सांप्रदायिक नीतियां अपना रही है। उनका कहना है कि सरकार मुस्लिम विरोधी है।
प्रदर्शन से देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका
प्रदर्शन से देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका है। कुछ लोगों का मानना है कि यह प्रदर्शन एक नई सांप्रदायिक हिंसा की शुरुआत हो सकती है।
प्रदर्शन से दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव की आशंका है। दिल्ली पुलिस ने स्थिति पर नजर रख रही है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार है।